यहाँ Section 1 (धारा 1) का हिंदी अनुवाद और सरल व्याख्या दी गई है:
🔹 धारा 1 – संक्षिप्त शीर्षक, प्रारंभ और लागू क्षेत्र
(1) संक्षिप्त शीर्षक:
यह अधिनियम “भारतीय न्याय संहिता, 2023” कहलाएगा।
(2) प्रारंभ (लागू होने की तिथि):
यह संहिता उस तिथि को प्रभाव में आएगी, जिसे केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में सूचना द्वारा घोषित करेगी।
संभव है कि संहिता के विभिन्न प्रावधान अलग-अलग तिथियों से लागू किए जाएं।
(3) भारत के भीतर अपराध पर दंड:
हर व्यक्ति इस संहिता के अंतर्गत तभी दंडनीय होगा, जब उसने कोई ऐसा कार्य किया हो या चूक की हो जो इस संहिता के विरुद्ध हो और भारत के भीतर हुआ हो।
👉 यानी कोई व्यक्ति भारत में कोई अपराध करता है, तो उसे इसी संहिता के अनुसार सजा मिलेगी, किसी और कानून के तहत नहीं।
(4) भारत के बाहर किए गए अपराधों पर दंड (यदि किसी अन्य कानून में प्रावधान है):
अगर कोई व्यक्ति, किसी मौजूदा भारतीय कानून के अनुसार, भारत के बाहर अपराध करने पर भी भारत में मुकदमा चलाने योग्य है, तो उसके खिलाफ इस संहिता के अनुसार वैसे ही कार्यवाही की जाएगी, जैसे कि वह अपराध भारत में हुआ हो।
(5) यह संहिता निम्नलिखित स्थितियों में भी लागू होगी:
(a) भारत का कोई नागरिक जो भारत के बाहर किसी भी स्थान पर अपराध करता है।
(b) भारत में पंजीकृत किसी भी जहाज या विमान पर कोई भी व्यक्ति (चाहे वह कहीं भी हो) अपराध करता है।
(c) कोई भी व्यक्ति जो भारत के बाहर रहकर भारत में स्थित किसी कंप्यूटर संसाधन को लक्ष्य बनाकर अपराध करता है।
व्याख्या:
इस धारा में “अपराध” का अर्थ भारत के बाहर किया गया ऐसा कार्य है जो अगर भारत में किया गया होता, तो इस संहिता के अंतर्गत दंडनीय होता।
उदाहरण:
“A, जो भारत का नागरिक है, वह भारत के बाहर किसी जगह पर हत्या करता है।
उसे भारत में जहाँ भी पाया जाए, वहां हत्या के अपराध में मुकदमा चलाया जा सकता है और सजा दी जा सकती है।“
(6) विशेष या स्थानीय कानून अप्रभावित रहेंगे:
यह संहिता उन अधिनियमों को प्रभावित नहीं करेगी जो:
- भारतीय सरकार की सेवा में कार्यरत सैनिकों, नाविकों, वायुसैनिकों की बगावत या भगोड़ेपन को दंडित करने से संबंधित हैं।
- या किसी विशेष या स्थानीय कानून से संबंधित हैं।
🧾 सारांश में व्याख्या:
- यह कानून 2023 में पारित हुआ लेकिन यह तभी लागू होगा जब केंद्र सरकार तारीख घोषित करेगी।
- भारत के अंदर हुए अपराध इसी कानून के अनुसार निपटाए जाएंगे।
- भारत के नागरिक, जहाज/विमान पर सवार लोग या भारत के बाहर रहकर भारत को तकनीकी रूप से नुकसान पहुँचाने वाले लोग—उन पर भी यह कानून लागू होगा।
- पुराने विशेष कानून (जैसे सेना से संबंधित कानून) पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
अगर आप चाहें तो मैं इसका पीडीएफ या अध्ययन नोट्स के रूप में संक्षिप्त संस्करण भी बना सकता हूँ।
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